देवभूमि के समग्र विकास हेतु वर्ष 1988 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सह सरकार्यवाह स्वः भाऊराव देवरस की प्रेरणा तथा भूगोलवेत्ता एवं समाजसेवी स्व. डॉ. नित्यानंद जी व स्व. सोबन सिंह जीना के मार्गदर्शन में उत्तराँचल उत्थान परिषद् का गठन हुआ था। गैर राजनैतिक एवं सामाजिक सहयोग पर आधारित, स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए सभी ग्रामवासी अपने मूल ग्राम के प्रति समर्पित हों, इसी भाव-भावना को परिषद् के गठन का मूल आधार बनाया गया।
उत्तराखंड, देवतात्मा हिमालय के विस्तृत आँचल में फैला नवोदित राज्य है। विषम भौगोलिक परिस्थिति तथा उपेक्षाओं के कारण यह भू-भाग विकास की दौड़ में सदैव पीछे रहा है। राज्य बनने के बाद भी जन आकाँक्षाओं की पूर्ती न होते देख कर यहाँ की आबादी रोज़गार तथा सुख सुविधाओं की तलाश में मैदानी भागों की ओर पलायन कर रही है, परिणाम स्वरुप उच्च एवं मध्य हिमालयी ग्राम जनशून्य होते जा रहे हैं। अंतराष्ट्रीय सीमाओं वाले इस क्षेत्र से जनसँख्या का बड़ी मात्रा में पलायन करना राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत चिंताजनक है।
संस्थापक सदस्य – डॉ ललिता प्रसाद गैरोला, देवी दयाल जुनेजा, दयानंद चंदोला, दानसिह बिष्ट, राजेंद्र प्रकाश, ज्ञान सिंह नेगी, सुरेश चंद्र पाण्डे, प्रेम बडकोटी, दयाचंद जैन, डॉ माधवानंद नौटियाल, डॉ नित्यानंद, ब्रहम देव शर्मा।
1 | भिगुन | स्वास्थ्य | टिहरी गढ़वाल | 2 |
2 | बड़ावे | शिक्षा | पिथौरागढ़ | 1 |
3 | पथरी | स्वावलंबन | हरिद्वार | 1 |
4 | मैधार | शिक्षा | टिहरी गढ़वाल | 1 |
5 | विजयपुर | स्वावलंबन | अल्मोड़ा | 2 |
6 | कोटाबाग | शिक्षा, स्वावलंबन | नैनीताल | 1 |
7 | हल्द्वानी | शिक्षा | नैनीताल | 1 |
8 | ज्ञानजा | शिक्षा | उत्तरकाशी | 1 |
9 | माख्टी पोखरी | शिक्षा | देहरादुन | 2 |
10 | बछेर | शिक्षा | चमोली | 1 |
11 | महड कांडई | शिक्षा | रुद्रप्रयाग | 1 |
12 | हिमरोल | शिक्षा | उत्तरकाशी | 1 |